TRE 4.0 Exam Big News in Bihar State: बिहार में लंबे समय से शिक्षक बनने का सपना देख रहे लोगों के लिए बिहार सरकार की तरफ से नया अपडेट जारी किया गया है , जानकारी के मुताबिक बिहार में शिक्षकों की बहाली में डोमिसाइल नीति को लागू होने जा रही है। इस नीति के लागू होने के बाद पहले बिहारी फिर बाहरी को मौका मिलेगा , बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सोमवार को X अकाउंट पर ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा कि ” नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद हम लोग शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम कर रहे हैं शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को संबंधित नियम में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश मुख्यमंत्री के द्वारा दिया गया है , यह नियम टीआरई -4 से लागू किया जाएगा वर्ष 2025 में बिहार में टीआरई -4 का एग्जाम कराया जाएगा वहीं वर्ष 2025 में टीआरई -5 का एग्जाम कराया जाएगा। इसमें बदलाव से बिहार के निवासियों को बिहार में शिक्षक बनने का सपना और भी साकार होगा। टीआरई -5 के आयोजन के पूर्व एसटीईटी का आयोजन करने का भी निदेश दिया गया है।

शिक्षक भारतीयों में बिहार के निवासियों को मिलेगा प्राथमिकता
बिहार में आने वाले समय में होने वाली शिक्षक की बहाली में बिहार के निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी , अर्थात कहने का मतलब यह है कि पहले बिहारी फिर बाहरी यानी दूसरे राज्य के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी। कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहां की शिक्षकों की भर्ती परीक्षाओं में राज्य के मूल निवासियों को हरित देने की प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
राज्य के निवासियों के लिए पहले से ही 50% से अधिक सीट आरक्षित है , क्योंकि अनुसूचित जातियों , अनुसूचित जनजातियों , अन्य पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण लगभग 50% है जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षित है।
बिहार से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास होना जरूरी
मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि 35% सेट महिलाओं के लिए आरक्षित है और सरकार पहले से या निर्णय ले चुकी है कि उसे आरक्षण में केवल राज्य के निवासियों को भी जगह दी जाएगी , उन्होंने कहा से सेट में से 40% अब बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होगी जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा बिहार से पास की है , इस प्रकार कुल मिलाकर लगभग 85% से अधिक सीटें बिहार के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होगा।
हो रही थी डोमिसाइल नीति को लागू करने को लेकर मांग
बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी कई बार सड़कों पर उतर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इस मांग को लेकर छात्रों ने कई बार प्रदर्शन किया और ‘डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं’ का नारा भी लगाया।